गुरुवार, 26 नवंबर 2009

हाय रे महंगाई



महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा लोकसभा में सरकार पर जबर्दस्त हमला बोलन


े के बाद सरकार को मानना पड़ा कि देश में महंगाई काफी बढ़ी है। लेकिन साथ ही इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर डालते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि राज्यों के सहयोग के बिना महंगाई को नियंत्रित करना मुश्किल है। महंगाई पर हुई चर्चा में विपक्ष का आरोप था कि देश में आवश्यक वस्तुओं की कमी नहीं है मगर फिर भी सरकार का कीमतों पर कोई नियंत्रण नहीं है।



केंद्र ने राज्यों पर थोपी जिम्मेदारी: बहस में हस्तक्षेप करते हुए मुखर्जी ने कहा कि यह सच है कि आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़े हैं लेकिन सरकार ने इसका असर गरीबों पर नहीं पड़ने दिया। बीपीएल परिवारों को हर महीने 35 किलो गेहूं या चावल उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिसमें गेहूं का दाम दो रुपये किलो और चावल का तीन रुपये किलो है। मुखर्जी ने कहा कि देश के संघीय ढांचे का मतलब केवल टैक्सों का बंटवारा करना ही नहीं है, जिम्मेदारी का बंटवारा भी है। राज्य सरकार को पीडीएस सिस्टम को कारगर बनाने और गरीबों को उचित दरों पर अनाज मुहैया करवाने की जिम्मेदारी उठानी होगी। मुखर्जी ने महंगाई बढ़ने के तीन कारण बताए। पहला अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम में वृद्धि, दूसरा आर्थिक मंदी और तीसरा कम वर्षा।



चीनी पर हुए कड़वे सवाल: बहस की शुरुआत करते हुए जेडीयू के राजीव रंजन सिंह ललन ने कहा कि महंगाई सारी सीमाओं को पार कर गई है। उन्होंने महंगाई के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराते हुए कहा कि सरकार की चिंता सिर्फ जीडीपी है। ललन ने सरकार की एक्सपोर्ट पॉलिसी की आलोचना करते हुए कहा कि पहले चीनी और अन्य चीजों को एक्सपोर्ट किया गया और फिर कमी बताकर उन्हें ही इंपोर्ट किया गया। उन्होंने कहा कि चीनी इस समय 40 रुपये किलो बिक रही है, जबकि पिछले साल इसके दाम 18 रुपये किलो थे।



पार्टियों ने दागे सवाल: एसपी के मुलायम सिंह यादव ने कहा कि देश की एक चौथाई धन-संपत्ति पर सौ परिवारों ने कब्जा कर रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां ऐसी हैं कि गन्ना सस्ता है और चीनी महंगी। कथित अर्थशास्त्रियों ने देश को बर्बाद कर दिया। बीएसपी के दारा सिंह चौहान ने जमाखोरों पर नकेल कसने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर महंगाई बढ़ा रहे हैं। कांग्रेस की तरफ से अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जमाखोरों और कालाबाजारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की जिम्मेदारी राज्यों सरकारों की है। बीजेपी के मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि एनडीए के शासनकाल में जबर्दस्त सूखा पड़ा था, मगर महंगाई को नहीं बढ़ने दिया गया।

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