शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2010

हिन्दू

  सनातन धर्म में हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई यही चारों धर्म आते हैं और जब भगवान इन धर्मों में जीव को जन्म देते हैं वह हिन्दू ही जन्मता है ,जन्मके बाद वह अपने अपने धर्म के संस्कारों के अनुसार हिन्दू मुसलमान सिख या इसाई बन जाता है जन्म के समय चारों धर्मों की निशानी (लिंग}एक समान एक रूप ही होता हे जिस के आधार पर यह कहा जासकता है कि जीव हिन्दू ही जन्मता हे और जिस दिन हिन्दू नही जन्मे गा वह समय पृथ्वी का आखरी समय होगा
                                                             जिसकी नीव पड चुकी है इन्ही चारों धर्मों के जीव धर्म परिवर्तन कर सनातन धर्म से बाहर खुद ही हो रहे हैं |जो नातो हिन्दू हैं नाही मुसलमान सिख या इसाई वह लोग फक्र के साथ खुद को निरंकारी -राधास्वामी -आर्य -समाजी और भी बहुत कुछ कहते हैं |

5 टिप्‍पणियां:

rahul ने कहा…

तुम्‍हारा लिखा तुम समझो या गीता समझे, परन्‍तु हमारा सब समझे न समझो तो बताना

बेनामी ने कहा…

yeh sab bakvash hai tum log hame sanatan dharm mai samil karo ya na karo hamara vajood alag hai.

akram ahamad ने कहा…

yaani sikh dharm bhi ktwata hai aapke kahne ke anusar ...maine to nahi suna aajtak...lagta hai aapko thoda aur padhna chahiye ...bye ok..

बेनामी ने कहा…

मै केवल यही कहना चाँहुगा कि धर्म भले ही अलग-2 हो पर सभी का सार एक है चाहे वह हिन्दु ,ईसाइ ,मुस्लिम ,या जैन धर्म हो सनातन धर्म का केवल एक ही अर्थ है कि इसमे कोई भी व्यक्ती अपना जीवन अपने तरीके से जी सकता है उसे जिस धर्म मे ईश्वर कि प्राप्ति हो वही उसका धर्म है

बेनामी ने कहा…

tum sab sali chor hu jo es duniya meni galt femehi duniya me (islam hil islam rahiga aur islam hi)