सोमवार, 15 मार्च 2010

टिपणी


safat alam ने कहा…
मित्र ! सनातन धर्म जिसकी आप चर्चा कर रहे हैं वही इस्लाम है जिसके मानने वाले आज केवल मुसलमान हैं। इस धर्म में मूर्तिपूजा वर्जित है, इस धर्म में कल्कि अवतार की प्रतीक्षा हो रही है। और यह सब इस्लाम का गुण है क्योंकि अन्तिम संदेष्टा मुहम्मद ही कल्की अवतार हैं। आपलोग कहाँ भटक रहे हैं ? ज़रूरत है कि सत्य की खोज करके अपने वास्तविक धर्म का पालन करें। इस्लाम आपका धर्म है आपके पैदा करने वाले का उतारा हुआ नियम है।
naveentyagi ने कहा…
तो बोलो सनातन धर्म की जय
जयराम “विप्लव” { jayram"viplav" } ने कहा…
कली बेंच देगें चमन बेंच देगें, धरा बेंच देगें गगन बेंच देगें, कलम के पुजारी अगर सो गये तो ये धन के पुजारी वतन बेंच देगें। हिंदी चिट्ठाकारी की सरस और रहस्यमई दुनिया में प्रोफेशन से मिशन की ओर बढ़ता "जनोक्ति परिवार "आपके इस सुन्दर चिट्ठे का स्वागत करता है . . चिट्ठे की सार्थकता को बनाये रखें . नीचे लिंक दिए गये हैं . http://www.janokti.com/ ,
mukesh ने कहा…
very good
kshama ने कहा…
Swagat hai!
संगीता पुरी ने कहा…
इस नए चिट्ठे के साथ हिन्‍दी चिट्ठा जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

2 टिप्‍पणियां:

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice

akram ahamad ने कहा…

sanatan dharm ....ved mai muhammad sahab ka jikra hai....
ved vyas ji ne kaha hai ...ek antim maha rishi aayega wah ek kitab lekar aaayega uske kitab mai ek jagah 31 sabd ek hi likha hoga jo kuran mai surah rahman mai likha hai.....fabbeayyalayrabbematukazziban...
aur rig veda mai marutranaaghi 31 baar aaya hai,,